बारह भावना ऑनलाइन संगोष्ठी संपन्न
जयपुर (राज.) :सर्वोदय अहिंसा ट्रस्ट, जयपुर द्वारा दिनांक 12 से 18 अक्टूबर तक विदुषी बहनों द्वारा बारह भावना संगोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन हुआ, जिसमें देशभर की 40 विदुषी बहनों ने भाग लिया।
प्रथम दिन प्रो. सुदीपजी दिल्ली के मार्मिक व्याख्यान का लाभ मिलाइसके अतिरिक्त विदुषी राजकुमारी दीदी, ब्र. नमिता बहिन, ब्र. समता बहिन उज्जैन, विदषी गीता बहिन बीना, ब्र. रजनी बहिन, डॉ. स्वर्णलताजी नागपुर, विदुषी धवलश्री ताई बेलगाँव के व्याख्यानों का भी लाभ मिला।
वक्ताओं के अन्तर्गत सुश्री वर्षा शास्त्री जयपुर, श्रीमती अनुभूति शास्त्री लूणदा, शाश्वत सेजल जैन दलपतपुर, ब्र. प्रियंका बहिन भोपाल, ब्र. विद्याताई बाहुबली, ब्र. मंजूषाताई अकलूज, शाश्वत दृढ़ता जैन कच्छ, आत्मार्थी आकांक्षा जैन ग्वालियर, श्रीमती श्रद्धा जैन विदिशा, आत्मार्थी समीक्षा जैन विदिशा, आत्मार्थी पूर्ति जैन टीकमगढ़ एवं शाश्वत खुशबू जैन करेली के वक्तव्य ह प्रतिदिन के मंगलाचरण एनी जैन, लब्धि जैन जयपुर, निष्ठा-आस्था शाह कनाडा, प्रांजल जैन, लिपि जैन उदयपुर, मेघा जैन दिल्ली, चिन्मयी जैन मेरठ एवं किंजल संघाणी राजकोट ने किये।प्रतिदिन की अध्यक्षता क्रमशः श्रीमती सरोज सिंघई जयपुर, श्रीमती अध्यात्मप्रभा जैन मुम्बई, श्रीमती सरोज गाँधी अहमदाबाद, श्रीमती चन्द्रावती पुजारी खनियाँधाना, श्रीमती शोभा-प्रमोदजी विदिशा एवं श्रीमती सुलेखा शाह जयपुर ने कीश्रीमती मीनाबेन-अरविंद भाई दोशी मुख्य अतिथि थीं। संचालन क्रमशः श्रीमती दिव्या जैन छिंदवाड़ा, श्रीमती संध्या जैन इंदौर, श्रीमती समीक्षा पुजारी खनियाँधाना, श्रीमती अनुभूति जैन पूना, श्रीमती अमीबेन पारेख राजकोट, श्रीमती समता जैन कानपुर एवं श्रीमती प्रीति-संजय जैन जयपुर ने किया। समापन के अवसर पर तत्त्ववेत्ता डॉ. हकमचन्दजी भारिल्ल का बारह भावना पर विशेष व्याख्यान हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री अशोकजी बड़जात्या इन्दौर ने। गोष्ठी के निर्देशक पण्डित अजितजी शास्त्री अलवर ने बताया कि जब कोरोना की विषम परिस्थितियाँ समाप्त हो जायेंगी, तब सर्वोदय अहिंसा ट्रस्ट द्वारा विदुषी बहिनों के माध्यम से प्रत्यक्षरूप में संगोष्ठी आयोजित करने की भावना है। जिसकी सभी ने हार्दिक अनुमोदना की। गोष्ठी का संयोजन ब्र. प्रीति बहिन खनियाँधाना एवं श्रीमती प्रीति जैन जयपुर ने किया। संपूर्ण आयोजन में पण्डित गणतंत्रजी शास्त्री का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। -संजय सेठी, जयपुर